जन्तु विज्ञान के वैज्ञानिक [Scientists of Zoology]

जन्तु विज्ञान के वैज्ञानिक

[Scientists of Zoology]

1. अरस्तु (Aristotle) –

अरस्तु का जन्म ईसा से 384 साल पहले ईजियन समुंद्र के उत्तरी छोर पर स्थित है स्टेगेरिया नामक के नगर में हुआ था। उनके पिता एक शिक्षित और प्रतिष्ठित व्यक्ति और अलेक्ज़ेंडर (सिकंदर) महान के दादा के यहाँ शाही हकीम के तौर पर नियुक्त थे। अरस्तु ने जन्तु इतिहास नामक पुस्तक लिखी। इस पुस्तक में लगभग 500 प्रकार के विविध जन्तुओं की रचना,स्वभाव,वर्गीकरण,जनन आदि का व्यापक वर्णन किया गया। अरस्तु को Father of Biology का सम्मान प्राप्त है। अरस्तु यूनानी दार्शनिक थे। वे प्लेटो के शिष्य व सिकंदर के गुरु थे। उनका जन्म स्टेगेरिया नामक नगर में हुआ था । अरस्तु ने भौतिकी, आध्यात्म, कविता, नाटक, संगीत, तर्कशास्त्र, राजनीति शास्त्र, नीतिशास्त्र, जीव विज्ञान सहित कई विषयों पर रचना की। अरस्तु ने अपने गुरु प्लेटो के कार्य को आगे बढ़ाया।

 

2. एंड्रियस विसैलियस (Andreas Vesalius) –

मानव शरीर की रचना का प्रयोगात्मक अध्ययन करके सन 1543 में, “On the Structure of Human Body” नामक पुस्तक लिखी | एंड्रियस विसैलियस (Andreas Vesalius) बेल्जियम के, शारीर वैज्ञानिक, चिकित्सक, तथा शरीररचना विज्ञान (एनाटॉमी) पर विश्व की सबसे प्रभावकारी पुस्तक 'डी हुमेनी कॉर्पोरिस फैब्रिका' (De humani corporis fabrica) के रचयिता थे।  एंड्रियस विसैलियस को, “आधुनिक शारीरिकी के जनक (Father of Modern Anatomy)” कहा जाता है |

 

3. विलियम हार्वे (William Harvey) -

विलियम हार्वे (1 अप्रैल 1578 - 3 जून 1657) [2] एक अंग्रेजी चिकित्सक थे जिन्होंने शरीर रचना और शरीर विज्ञान में प्रभावशाली योगदान दिया।इंग्लैंड के चिकित्सक विलियम हार्वे ने सबसे पहले रुधिर परिसंचरण (1628) का पता लगाया था। डॉ. हार्वे ने रक्तसंचार की पूरी प्रक्रिया एवं उसमें मस्तिस्क की भूमिका की विवेचना की। उन्होंने कार्यिकी और भ्रौणिकी (embryology)  का प्रयोगात्मक अध्ययन किया |

 

4. जैकेरियस जैन्सन ( Zacharias Janssen) - 

जैकेरियस जैन्सन ने अपने पिता हांन्स जैन्सन (H. Janssen) के साथ प्रथम सयुंक्त प्रकाश सूक्ष्मदर्शी ( Compound Light Microscope ) बनाया |

माना जाता है कि जैकेरियस जैन्सन को आमतौर पर यौगिक माइक्रोस्कोप का आविष्कार करने वाला पहला अन्वेषक माना जाता है। हालाँकि, क्योंकि उपलब्धि को आमतौर पर इतिहासकारों के बीच 1590 के दशक में माना जाता है, ज्यादातर विद्वानों का मानना ​​है कि उनके पिता,हांन्स जैन्सन ने साधन के निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई होगी।

 

5.रॉबर्ट हुक (Robert Hooke) -

रॉबर्ट हुक (18 जुलाई 1635 – 3 मार्च 1703) एक अंग्रेज़ी प्राकृतिक दार्शनिक थे। इन्होंने वैज्ञानिक क्रांति में अपने प्रायोगिक एवं सैद्धांतिक कार्यों के योगदान द्वारा एक महत्वपूर्ण भूमिका निभायी। रॉबर्ट हुक ने सबसे पहले पादप ऊतक (कार्क) में कोशिका (1665) देखी | और इन्हे कोशिका (Cell) नाम दिया| माइक्रोग्राफ़िया (Micrographia) नामक पुस्तक लिखी |

 

6.मारसेलो मैल्पीगी (Marcello  Malpighi) -

रक्त और ऊतकों का सूक्ष्मदर्शीय अध्ययन | रेशम कीट का और मुर्गी में भ्रौणिकी का अध्ययन | कशेरुकियों के वृक्कों में मैल्पीगी संपुटो की और त्वचा की एपिडर्मिस में जननिक स्टार की खोज | कुछ लोग इन्हे, " सूक्ष्मदर्शिकी का पिता (Father of Microscopy) " कहते है |

 

7.जॉन रे (John Ray) -

जॉन रे  ने जाति (species) और वंश (genus) में अंतर स्पष्ट किया और प्राचीन वैज्ञानिकों में ये प्रथम थे, जिन्होंने उच्चतर प्राकृतिक वर्गीकरण किया। दूर दूर के जानवरों का अध्ययन किया गया और उनके वंश तथा कुटुंब आदि का अध्ययन किया गया | पादपों, कीटो, सर्पो और चौपायो का वर्गीकरण (1693) किया | जाति (Species) के सिद्धान्त का प्रतिपादन किया |

 

8.एन्टोनी वांन लुइवेहाँक (Antoni Van Leeuwenhoek) -

एंटोन वोन लुएन्हूक एक डच जीव विज्ञानी थे। उन्होंने  शुक्राणुओ, रुधाराणुओ, पेशिओ, प्रोटोज़ोआ, यीस्ट, बैक्टीरिया आदि का अध्ययन किया | सूक्ष्म-जैविकी (Microbiology) के जनक कहलाते है |

 

9.कैरोलस लिनीयस (Carolus Linnaeus) -

कैरोलस लिनियस एक स्वीडिश वनस्पतिशास्त्री, चिकित्सक और जीव विज्ञानी थे, जिन्होने द्विपद नामकरण की आधुनिक अवधारणा की नींव रखी थी। इन्हें आधुनिक वर्गिकी (वर्गीकरण) के पिता के रूप में जाना जाता है साथ ही यह आधुनिक पारिस्थितिकी के प्रणेताओं मे से भी एक हैं। अपनी पुस्तक,"Systema Naturae"(1735) में पादपों और जन्तुओ का वर्गीकरण किया|  और जीव जातिओ के नामो के लिए द्विनाम पद्धति (Binomial Nomenclatue ,1749) बनायीं |  अतः इन्हे,"आधुनिक वर्गिकी का जनक (Father of Modern Taxonomy) कहा जाता है |

 

10.लैमार्क (Jean Baptiste De Lamarck) -

लैमार्क या जीन बैप्टिस्ट पियेर आंत्वान द मॉनेट शीवेलियर द (Lamark, Jean Baptiste Pierre Antoine De Monet Chevalier De; 1744 से 1829 ई.) फ्रांसीसी जैवविज्ञानी थे। लामार्क प्रथम वैज्ञानिक थे, जिन्होंने कशेरुकी और अकशेरुकी जीवों में भेद किया और सर्वप्रथम इनवर्टीब्रेट (invertebrate) शब्द का उपयोग किया। 1802 ई. में इन्होंने जीव, या पौधों के अध्ययन के लिए बायोलोजी (Biologie) शब्द का उपयोग किया। इन्होंने मौसम विज्ञान और मौसम की पूर्वसूचनाओं से संबंधित वार्षिक रिपोर्टों का भी प्रकाशन किया था। ये विकासवाद के जन्मदाता हैं। इनका विकासवाद का सिद्धांत लामार्कवाद कहलाता है। जैव विकास पर प्रथम तर्कसंगत मत का प्रतिपादन किया | Philosophie Zoologique (1809) नामक पुस्तक लिखी |

 

11.डार्विन (Darwin) -

चार्ल्स डार्विन ने क्र मविकास (evolution) के सिद्धान्त का प्रतिपादन किया। सन 1859 में प्रसिद्ध जैव विकास का मत प्रतिपादन किया | उनकी सर्वाधिक प्रसिद्ध पुस्तक जीवजाति का उद्भव (Origin of Species  'ऑरिजिन ऑफ स्पीसीज़') प्रजातियों की उत्पत्ति सामान्य पाठकों पर केंद्रित थी।चार्ल्स डार्विन का मत था कि प्रकृति क्रमिक परिवर्तन द्वारा अपना विकास करती है. उनका मानना था कि हम सभी के पूर्वज एक हैं. हर प्रजाति चाहे वह पेड़ की हो या फिर जानवर या मानव की, सभी एक-दूसरे से संबंधित हैं. साल 1858 में डार्विन ने 'थ्योरी ऑफ इवोल्यूशन' को दुनिया के सामने रखा था

 

12.राबर्ट ब्राउन (Robert Brown) -

राबर्ट ब्राउन जन्म  में स्कॉटलैंड में हुआ था। यह जेम्स ब्राउन के बेटे थे। रॉबर्ट ब्राउन एडिनबर्ग विश्वविद्यालय में अपनी चिकित्सा से संबंधित पढ़ाई पूरी की थी। जिसके बाद उनमें वनस्पतिशास्त्री बनने की इच्छा पैदा हुई। इन्होने कोशिकाओं में केन्द्रक की उपस्थिति, कोशिका द्रव्य में ब्राउनियन गति (Brownian Movement) और अनेक पादप जातियों की खोज की |


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