जीवधारिओ का वर्गीकरण (Classification of Organisam)

 

जीवधारिओ का वर्गीकरण

(Classification of Organisam)


 

जीवधारियों का वर्गीकरण

जीव को विभिन भागो में बाटने की प्रकिया को हम जीवधारियों का वर्गीकरण कहते है| सर्वपथम आर एच व्हिटेकर ने जीवधारियों को पांच भागो में 1953 में बांटा | इसे हम पांच जगत प्रणाली (five kingdom) के नाम से जानते है | जो निम्न प्रकार से है

1.मोनेरा (Monera)

2. प्रोटिस्टा (Protista)

3. कवक (Fungi)

4. जन्तु (Animalia)

5. पौधा (Plant)

 

1.    मोनेरा (Monera) - यह एक कोशकीय प्राणी होते है,इनकी कोशिका प्रोकैरियोटिक ( सूछम जीव में पाए जाने वाले पूर्व केन्द्रकीय कोशिका होती है) इनमे केंद्रक कला नहीं पायी जाती है|मोनेरा (Monera) जगत में सभी प्रोकैरिओटिक जीवों को सम्मिलित किया गया है। इस जगत के जीव सूक्ष्मतम तथा सरलतम होते हैं, इनमें प्रोकैरिओटिक प्रकार का कोशिकीय संगठन पाया जाता है। अर्थात् कोशिका में आनुवंशिक पदार्थ. किसी झिल्ली द्वारा बँधा नहीं होता बल्कि जीवद्रव्य में बिखरा पड़ा रहता है। उदाहरण - जीवाणु और नीले हरे शैवाल

2.प्रोटेस्टा ( Protista ) - यह एक कोशिकीय प्राणी होते है, इनकी कोशिका यूकैरियोटिक (सुकेद्रकीय) प्रकार की होती है। इनमे पाए जाने वाले कोशिका का विकास होता है|  इनमे केन्द्रक कला पायी जाती है | प्रॉटिस्टा में कोशिकाएँ एक कला (Membrane) द्वारा घिरी होती है। प्रकाश संश्लेषी प्रोटिस्टा कोशिका में हरित लवक (Chlorophyll) होते हैं। प्रत्येक कोशिका में माइटोकोन्ड्रिया, गॉल्जीकाय, अन्तः प्रदव्यी जालक, केन्द्रक, गुणसूत्र इत्यादि कलाओं से घिरे हुए अंग पाए जाते हैं।  उदहारण - अमीबा, पैरामीशियम, युग्लीना |

3.कवक (Fungi) - यह एक बहुकोशीय प्राणी होते है, रेसे समान रचनाओ से बने होते है, ये अपना भोजन सड़े गले पदाथो से प्राप्त करते है| ये परपोषी होते हैं|  कवक की कोशिका की कोशिका भित्ति काइटीन की बनी होती है | ये मृतोपजीवी होते है | इनमे पर्णहरिम नहीं पाया जाता है | अर्थात ये अपना भोजन सड़े,गले पदार्थो से प्राप्त करते है | ये सड़े,गले पदार्थो पर निकलते है |

4. जंतु (Animalia) - इसके अंतर्गत सभी बहु कोशकीय जन्तु आते है | इनमे क्रोलोप्लास्ट (पर्ण हरिम ) नहीं पाया जाता है | अर्थात ये विषमपोषी होते है |

5.पादप (Plant) - इसके अंतर्गत सभी हरे रंग के बहुकोशकीय यूकैरियोटिक पौधो को रखा गया है| इनमे क्लोरोफिल उपस्थित रहता है | अर्थात ये स्वपोषी होते है | इस जगत के अंतर्गत आने वाले जीव पेड़-पौधे या पादप कहलाते है |

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